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नाराज पितृ को खुश करने के उपाय: पिंडदान से मिलेगा पितृ दोष से मुक्ति, धन-संपत्ति में होगी वृद्धि

हिंदू धर्म में पितृ कार्यों का विशेष महत्व है, और इन कार्यों के लिए अमावस्या तिथि को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। अमावस्या, खासकर मार्गशीर्ष मास में, पितृ अनुष्ठानों के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म जैसे धार्मिक अनुष्ठान करने से न केवल पितृ दोष से मुक्ति मिलती है, बल्कि भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। यही कारण है कि अमावस्या के दिन पितृ कार्य करने का विशेष महत्व होता है।

अमावस्या तिथि का महत्व

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, अमावस्या तिथि को पितरों के प्रति श्रद्धा और समर्पण का दिन माना जाता है। विशेषकर मार्गशीर्ष मास की अमावस्या, जो 2024 के नवंबर माह के अंत में आएगी, पितृ कार्यों के लिए अत्यधिक फलदायक मानी जाती है। इस दिन पितरों को तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। इन अनुष्ठानों के माध्यम से पितृ दोष समाप्त होता है और व्यक्ति को जीवन में शांति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पितृ दोष और इसका समाधान

पितृ दोष वह स्थिति होती है, जब व्यक्ति के पितर नाराज होते हैं, या पितृ कार्यों का पालन नहीं किया जाता है। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए अमावस्या तिथि पर विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति श्राद्ध पक्षों में पितरों के निमित्त कोई अनुष्ठान नहीं कर सका हो, तो अमावस्या के दिन यह कार्य करना अत्यंत शुभ होता है। इस दिन पितरों के प्रति श्रद्धा और प्रेम से किए गए तर्पण और पिंडदान से वे प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों पर आशीर्वाद बरसाते हैं।

पितृ कार्येषु अमावस्या के उपाय

पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, इस दिन किए गए पितृ अनुष्ठान से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है, जो जीवन में आने वाली सारी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। वे बताते हैं कि यदि किसी व्यक्ति के पितृ नाराज हैं और वह पितृ कार्य नहीं कर सका है, तो अमावस्या के दिन तर्पण और पिंडदान करना उनके दिल को शांति पहुंचाता है और वे अपने वंशजों पर कृपा बरसाते हैं।

पितृ कार्यों के लाभ

पितृ कार्येषु अमावस्या के दिन किए गए अनुष्ठान से जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं। पितृ दोष से मुक्ति के साथ-साथ, व्यक्ति को समृद्धि, सुख, और शांति की प्राप्ति होती है। पितरों की आशीर्वाद से घर में सुख-शांति का माहौल रहता है और धन-संपत्ति की वृद्धि होती है। इसके अलावा, भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है, जो जीवन के अंतिम लक्ष्य की ओर एक कदम और बढ़ने में मदद करती है।

अमावस्या तिथि पर पितृ कार्यों का पालन करना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने में भी मदद करता है। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए इस दिन पितरों के निमित्त अनुष्ठान, तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करना विशेष फलदायक होता है। इस दिन किए गए उपायों से न केवल पितृ प्रसन्न होते हैं, बल्कि भगवान विष्णु की कृपा से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

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Sai Chandhan

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