क्या आपकी आदतें बढ़ा रही हैं कैंसर का खतरा? जानिए बचाव के उपाय!

सिर और गर्दन के कैंसर, मुंह, गला, आवाज, साइनस और लार ग्रंथियों से संबंधित कैंसर के समूह हैं। यह कैंसर शरीर के उन हिस्सों में होते हैं जिनका हम रोज़मर्रा के जीवन में बहुत अधिक उपयोग करते हैं। इनमें से कुछ कैंसर ऐसे होते हैं, जिनसे बचने के लिए लाइफस्टाइल में छोटे बदलाव और एहतियात बरतने की जरूरत होती है। साथ ही, इनसे बचने के लिए हमारी आदतें और आसपास का वातावरण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तंबाकू और शराब का सेवन, खराब आहार, और वायु प्रदूषण जैसे जोखिम कारक इन कैंसरों के बढ़ने में योगदान करते हैं। आइए जानते हैं सिर और गर्दन के प्रमुख कैंसर के बारे में और उनसे बचने के उपायों के बारे में।
1. ओरल कैविटी कैंसर (मुंह का कैंसर):
ओरल कैविटी कैंसर मुंह के अंदर के हिस्सों, जैसे होंठ, जीभ, मसूड़े और गाल को प्रभावित करता है। इसका मुख्य कारण तंबाकू का सेवन, अत्यधिक शराब पीना, और खराब मौखिक स्वच्छता हो सकते हैं। इस कैंसर से बचने के लिए तंबाकू और शराब से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा, रोज़ाना दांतों को अच्छे से ब्रश करना, फ्लॉसिंग करना और समय-समय पर डेंटिस्ट से चेकअप करवाना भी महत्वपूर्ण है। पान मसाला, गुटका, और धूम्रपान से भी बचना चाहिए, क्योंकि ये मुंह के कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
2. लार ग्रंथि कैंसर (Salivary Gland Cancer):
लार ग्रंथि कैंसर एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है जो लार ग्रंथियों में उत्पन्न होता है। यह सिर और गर्दन के कैंसर का केवल 6 प्रतिशत हिस्सा बनाता है। यह कैंसर उन ग्रंथियों को प्रभावित करता है जो लार का उत्पादन करती हैं। लार ग्रंथि कैंसर से बचने का कोई खास तरीका नहीं है, लेकिन धूम्रपान और शराब पीने जैसी आदतों से बचकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है। अगर परिवार में कैंसर का इतिहास है, तो डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होता है।
3. ग्रसनी कैंसर (Pharyngeal Cancer):
ग्रसनी कैंसर गले के हिस्से, विशेष रूप से नासोफैरिंक्स, ओरोफैरिंक्स और हाइपोफैरिंक्स में होता है। इस कैंसर के जोखिम में तंबाकू, शराब और एचपीवी (ह्यूमन पापिलोमावायरस) संक्रमण शामिल हैं। इससे बचने के लिए धूम्रपान से परहेज करना चाहिए और शराब का सेवन नियंत्रित करना चाहिए। एचपीवी से संबंधित ग्रसनी कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए एचपीवी वैक्सीनेशन पर विचार किया जा सकता है।
4. साइनस और नाक का कैंसर:
यह कैंसर साइनस और नाक को प्रभावित करता है और आमतौर पर लकड़ी के बुरादे, रसायनों या हानिकारक धूल के संपर्क में आने से होता है। इससे बचाव के लिए रासायनिक पदार्थों और हानिकारक धूल से बचना चाहिए। अच्छे वातावरण में रहना और प्रदूषण से बचना इस कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
5. लैरींक्स कैंसर (Laryngeal Cancer):
लैरींक्स कैंसर स्वरयंत्र (लैरींक्स) में उत्पन्न होता है और यह धूम्रपान और अत्यधिक शराब पीने वालों में अधिक पाया जाता है। इसके अलावा, हानिकारक धुएं के संपर्क में आना भी इसके जोखिम को बढ़ा सकता है। लैरींक्स कैंसर से बचने के लिए धूम्रपान को छोड़ना चाहिए, शराब का सेवन कम करना चाहिए और यदि धुएं वाले वातावरण में रहना हो, तो मास्क पहनना चाहिए।
बचाव के उपाय:
लाइफस्टाइल में सुधार:
तंबाकू, शराब, और अस्वस्थ आहार से दूर रहकर आप इन कैंसरों के जोखिम को कम कर सकते हैं। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है, जिसमें सही खानपान, व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना शामिल है।
हेल्दी डाइट:
ताजे फल, हरी सब्जियां, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर आहार को अपनी डाइट में शामिल करें, जो कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
नियमित व्यायाम:
नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करने से शरीर स्वस्थ रहता है और कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।
समय-समय पर जांच:
शरीर के किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें। समय-समय पर जांच करवाएं और अगर आपको कोई चिंता हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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