तुलसी की पूजा में इन नियमों का रखें ध्यान: जानें जल चढ़ाने के 5 खास नियम

तुलसी का पौधा भारतीय संस्कृति और धार्मिक शास्त्रों में विशेष महत्व रखता है। इसे पवित्रता और मंगल का प्रतीक माना गया है। सनातन धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा करना और उसे अपने घर के आंगन में लगाना शुभ और सुख-समृद्धि का कारक माना गया है। ऐसा कहा गया है कि तुलसी के बिना आंगन अधूरा है, और जहां तुलसी होती है, वहां भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का वास होता है। हालांकि, तुलसी की पूजा करने और उसे जल अर्पण करने के कुछ नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना अत्यंत आवश्यक है। यदि इन नियमों का सही तरीके से पालन न किया जाए तो मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और व्यक्ति के जीवन में नकारात्मकता का प्रभाव बढ़ सकता है। आइए जानते हैं कि तुलसी को जल चढ़ाने के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. एकादशी के दिन न करें जल अर्पण
सनातन धर्म में एकादशी का दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए विशेष होता है। मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता भी निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए, एकादशी के दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा कहा गया है कि एकादशी के दिन तुलसी को जल अर्पित करने से मां लक्ष्मी रुष्ठ हो जाती हैं और व्यक्ति के जीवन में आर्थिक समस्याएं आ सकती हैं। इसीलिए इस दिन तुलसी में जल अर्पित करने से बचना चाहिए।
2. अधिक जल न चढ़ाएं
तुलसी के पौधे को जल देना आवश्यक है, लेकिन ध्यान रखें कि उसमें अधिक मात्रा में जल न अर्पित करें। तुलसी की जड़ें अधिक पानी से सड़ सकती हैं, जिससे पौधा सूख सकता है। शास्त्रों के अनुसार, तुलसी का पौधा सूख जाना अशुभ माना जाता है। इसीलिए तुलसी को संयमित मात्रा में ही जल अर्पित करना चाहिए। यह न केवल पौधे को स्वस्थ रखेगा, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी शुभ रहेगा।
3. बिना सिलाई वाले वस्त्र पहनें
तुलसी की पूजा और उसमें जल अर्पण करते समय बिना सिलाई वाले वस्त्र पहनने की मान्यता है। पुराणों के अनुसार, यह विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जल चढ़ाते समय बिना सिले वस्त्र ही धारण किए गए हों। ऐसा करने से तुलसी माता और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। हालांकि यह नियम आज के समय में थोड़ा असामान्य लग सकता है, लेकिन यह प्राचीन मान्यता और परंपरा का हिस्सा है और इसके पालन से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
4. दक्षिण दिशा में न रखें तुलसी का पौधा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी के पौधे को दक्षिण दिशा में रखना शुभ नहीं माना जाता। यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है और तुलसी का पौधा दक्षिण दिशा में रखने से घर में नकारात्मकता का प्रभाव बढ़ सकता है। तुलसी को हमेशा उत्तर, पूर्व, या ईशान कोण में रखना चाहिए। इन दिशाओं में तुलसी रखने से घर में सकारात्मकता और सुख-शांति का संचार होता है।
5. सूर्योदय के समय करें जल अर्पण
तुलसी में जल अर्पित करने का सबसे उचित समय सूर्योदय के समय होता है। सूर्योदय के समय जल देने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है और ऐसा माना जाता है कि यह कार्य आर्थिक संकटों से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है। सूर्योदय के समय जल देने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और यह पूरे घर के वातावरण को पवित्र और शांत बनाता है।
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